- चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की पीठ ने पीएससी काे निर्देश दिए
- ओबीसी आरक्षण 27% या 14% रखने पर हाईकाेर्ट में सुनवाई
जबलपुर . मप्र लाेक सेवा अायाेग (एमपीपीएससी) की भर्ती में अाेबीसी अारक्षण 27% की जगह 14% ही रखने के अपने पूर्व के फैसले पर शुक्रवार काे हाईकाेर्ट ने सुनवाई की। राज्य सरकार की अाेर से इस फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए लगाई गई याचिका पर हाईकाेर्ट ने एमपीपीएससी काे अंतिम व्यवस्था दे दी।
चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल अाैर जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की पीठ ने पीएससी काे निर्देश दिए कि वह परीक्षा की प्रक्रिया जारी रखे, लेकिन काेर्ट की इजाजत के बिना न ताे उम्मीदवाराें के चयन काे अंतिम रूप दे अाैर न ही काेई नियुक्ति करे। अाेबीसी वर्ग काे 27 फीसदी काेटे का लाभ दें या 14 फीसदी का, इस पर हाईकाेर्ट अब 5 फरवरी काे विचार करेगी। मामले पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी, सिद्धार्थ गुप्ता तथा राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता शशांक शेखर ने पक्ष रखा।
सरकार का तर्क... हाईकोर्ट के दो फैसले, दोनों पर पुनर्विचार हो
सरकार ने अपनी अर्जी में कहा कि चिकित्सा शिक्षा के दाखिलों में ओबीसी को 27 के बजाय 14% आरक्षण देने के लिए हाईकाेर्ट ने 19 मार्च 2019 काे अादेश दिया था। जबकि पीएससी में इसी तरह का अंतरिम आदेश 28 जनवरी काे दिया। सरकार की मांग है कि हाईकाेर्ट इन दाेनाें ही फैसलाें पर पुनर्विचार कर उनमें संशाेधन करे।
सरकार ने अपनी अर्जी में कहा कि चिकित्सा शिक्षा के दाखिलों में ओबीसी को 27 के बजाय 14% आरक्षण देने के लिए हाईकाेर्ट ने 19 मार्च 2019 काे अादेश दिया था। जबकि पीएससी में इसी तरह का अंतरिम आदेश 28 जनवरी काे दिया। सरकार की मांग है कि हाईकाेर्ट इन दाेनाें ही फैसलाें पर पुनर्विचार कर उनमें संशाेधन करे।