लॉकडाउन के दौरान केन्द्र सरकार द्वारा खास तौर पर NRC/CAA /NPR के विरोध में आंदोलन करने वाले आंदोलनकारियों और छात्रों पर केस दायर करके उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है
विरोध में आंदोलन करने का लोगों को मौलिक अधिकार है
इस अधिकार के तहत संविधान के दायरे में रहकर NRC/ CAA /NPR के कानून के खिलाफ पूरे भारत में आंदोलन हो रहे थे।
इसी कानून का विरोध करने वाले डॉ. काफिल खान को झूठे केस में जेल में डाला गया है। इससे पहले भी गोरखपुर हादसे में भी जहाँ डॉ. काफिल खान ने अपनी जान पर खेलकर कई बच्चों की जान बचाई, जहाँ उत्तर प्रदेश राज्य सरकार की लापरवाही की वजह से 70 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई थी, उसका झूठा केस डॉ. काफिल खान पर लगाते हुए उनको जेल में डाला गया था, जिसमें वे बाइज्जत रिहा हुए हैं।अभी भी उन्हें जान बूझकर परेशान करते हुए जेल में डाला गया है जहाँ उनकी जान को खतरा है। इसी तरह से NRC/ CAA NPR का विरोध करने वाले जेएनयू, जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों पर झूठे केस दायर किये गए हैं। हाल ही में दिल्ली में हुए फसल के बाद भी पुलिस के द्वारा यही तरीका अपनाया जा रहा है।
इसके विरोध में हम राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा, भारत मुक्ति मोर्चा एवं बहुजन क्रांति मोर्चा के माध्यम से 35 राज्यों, 550 जिलों और 4000 तहसीलों में मा. महामहिम राष्ट्रपति के नाम मा. जिलाधिकारी के माध्यम से निवेदन दे रहे हैं कि डॉ. काफिल खान और जेएनयू, जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों व अन्य राज्यों में इसी तरह से चल रहे मुकदमे पीछे लिए जाएं और जिन्होंने पूर्वाग्रह से उन पर मुकदमें किए हैं उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए। राष्ट्रपति के नाम पर घंटाघर चौराहा में ज्ञापन सौंपा ज्ञापन सौंपा वाले में इंजीनियर प्राइवेट जेसीबी घनश्याम यादव सफी उस्मानी जावेद उस्मानी नसीर उर्फ छोटे विनय मांगद ने ज्ञापन सौंपा