विक्टोरिया हॉस्पिटल के डॉक्टर भी अब राम भरोसे मुलजिमो को लेकर गए पुलिस थाना से विक्टोरिया
में जांच के बाद कोर्ट पेश के लिए 1:00 बजे से खड़े शहर के कई थानों के पुलिस वाले लेकिन डॉक्टर का पता नहीं और मुल्जीम को बैठाये है करीब 2 से ढाई घंटे हो गए हैं लेकिन जांच के इंतजार में कई थाने के अपराधी को लेकर पुलिस वाले खड़े हैं डॉक्टर का रूम खाली पड़ा है और कमरा के बाहर पुलिस और मरीजों की भीड़ लगी है सभी करो ना के जांच के लिए मुलजिम को लेकर आए हैं
कोविड-19 की जांच कराने के लिए लेकिन कोई नहीं है क्योंकि करोना के जांच के बाद उन को कोर्ट में पेश किया जाता है
कोर्ट में पेश होने का समय 5:00 से पहले मुलजिम को ले जाना जरूरी होता है अन्यथा कोर्ट पेस ना हो पाए नहीं तो सभी को जेल भेजा जाता है और कोविड१९ की जांच जरूरी है नहीं तो मुलजिम जो पाजी टू होते हैं उनको जांच करना जरूरी है नहीं वापस थाने ले जाना पड़ेगा लेकिन यह आलम विक्टोरिया हॉस्पिटल का पर ऐसा ही चल रहा है
जो कुछ दिन पहले कलेक्टर द्वारा बैठक में निर्णय लिया रा द्वारा लापरवाही ना किया जाए और करो ना के मरीजों देखरेख और जांच तुरंत किया जाए लेकिन कोई असर नहीं और ना ही विक्टोरिया में बैठने की व्यवस्था सोशल डिस्टेंस बिल्कुल नहीं है देखें एक बेंच में 7 से 8 लोग बैठे हैं और कई लोग खड़े हैं करीब ढाई घंटे से मुलजिम को लेकर पुलिस वाले खड़े हैं ऐसे में जांच से ज्यादा गोविंदा के मरीज मिल सकते हैं
में जांच के बाद कोर्ट पेश के लिए 1:00 बजे से खड़े शहर के कई थानों के पुलिस वाले लेकिन डॉक्टर का पता नहीं और मुल्जीम को बैठाये है करीब 2 से ढाई घंटे हो गए हैं लेकिन जांच के इंतजार में कई थाने के अपराधी को लेकर पुलिस वाले खड़े हैं डॉक्टर का रूम खाली पड़ा है और कमरा के बाहर पुलिस और मरीजों की भीड़ लगी है सभी करो ना के जांच के लिए मुलजिम को लेकर आए हैं
कोविड-19 की जांच कराने के लिए लेकिन कोई नहीं है क्योंकि करोना के जांच के बाद उन को कोर्ट में पेश किया जाता है
कोर्ट में पेश होने का समय 5:00 से पहले मुलजिम को ले जाना जरूरी होता है अन्यथा कोर्ट पेस ना हो पाए नहीं तो सभी को जेल भेजा जाता है और कोविड१९ की जांच जरूरी है नहीं तो मुलजिम जो पाजी टू होते हैं उनको जांच करना जरूरी है नहीं वापस थाने ले जाना पड़ेगा लेकिन यह आलम विक्टोरिया हॉस्पिटल का पर ऐसा ही चल रहा है
जो कुछ दिन पहले कलेक्टर द्वारा बैठक में निर्णय लिया रा द्वारा लापरवाही ना किया जाए और करो ना के मरीजों देखरेख और जांच तुरंत किया जाए लेकिन कोई असर नहीं और ना ही विक्टोरिया में बैठने की व्यवस्था सोशल डिस्टेंस बिल्कुल नहीं है देखें एक बेंच में 7 से 8 लोग बैठे हैं और कई लोग खड़े हैं करीब ढाई घंटे से मुलजिम को लेकर पुलिस वाले खड़े हैं ऐसे में जांच से ज्यादा गोविंदा के मरीज मिल सकते हैं