करवा चौथ कब है जानें सुहागनों के अखंड सौभाग्य के इस पर्व की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व
करवा चौथ का महत्व-++++++
करवा चौथ से जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार, महाभारत काल के दौरान द्रौपदी ने पांडवों पर आने वाले संकट को दूर करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण के सुझाव से करवा चौथ का व्रत किया था. माना जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से पांडवों के जीवन से संकट दूर हुआ और वे महामारत के युद्ध में विजयी हुए थे. मान्यता है कि करवा चौथ के दिन चंद्र देव की पूजा करने से पति-पत्नी को वियोग का सामना नहीं करना पड़ता है और महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है.
करवा चौथ के दिन सुबह सूर्योदय से पहले महिलाएं सरगी खाती हैं और फिर दिनभर निर्जल व्रत रखती हैं, फिर शाम को सोलह श्रृंगार करके महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की पूजा करती हैं. इस दौरान करवा चौथ व्रत की कथा सुनी जाती है और पूजन के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पति के हाथों से जल पीकर व्रत खोला जाता है. इस व्रत को करने से पति की आयु लंबी होती है, स्वास्थ्य अच्छा रहता है और महिलाओं को सुखी वैवाहिक जीवन का वरदान मिलता है
Karwa Chauth 2020-कब है करवा चौथ?
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल करवा चौथ का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस साल अखंड सौभाग्य का यह पर्व 4 नवंबर 2020 (बुधवार) को मनाया जाएगा.
*****करवा चौथ शुभ मुहूर्त*******
चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 4 नवंबर 2020 को सुबह 03.24 बजे से,
चतुर्थी तिथि समाप्त- 5 नवंबर 2020 की शाम 05.14 बजे तक.
पूजा का शुभ मुहूर्त- 4 नवंबर 2020 दोपहर 03.45 बजे से शाम 05.06 बजे तक.
व्रत की कुल अवधि- 13 घंटे 37 मिनट
करवा चौथ व्रत- सुबह 06.35 बजे से रात 08.12 बजे तक.
चंद्रोदय का समय- 4 नवबंर रात 08.12 बजे से.
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