शिकायतों में पाया गया कि अस्पताल प्रबंधन लगातार सीजीएचएस हितग्राहियों को भर्ती करने में मनाही करता रहा है।
जिन कार्ड-होल्डरों को किसी तरह से भर्ती भी किया गया तो बाद में उनसे अनाप-शनाप बिलिंग कर पैसों की माँग की गई।
कई मामलों में हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने अधिकारों को नजरअंदाज करते हुए मरीजों को कैशलेस की सुविधा नहीं दी।
*एचएस कार्ड-होल्डर्स को कैशलेस सुविधा न देकर अनाप-शनाप फीस लेने के मामले में कार्यवाही*
शैल्बी की मान्यता समाप्त, बैंक गारंटी भी जब्त
जबलपुर दिल्ली से मिली हरी झण्डी के बाद शैल्बी हॉस्पिटल की सीजीएचएस की मान्यता समाप्त कर दी गई है। एडिशनल डायरेक्टर ने अस्पताल की बैंक गारंटी भी जब्त करने के निर्देश दिए हैं। सेंट्रल गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम के कार्ड-होल्डर्स को कैशलेस उपचार सुविधा न दिए जाने की शिकायतों पर गौर करने के बाद इस तरह की सख्त कार्यवाही की गई है।
*एडिशनल डायरेक्टर राजेंद्र रावत ने अपने आदेश में कहा है*
कि हाल-फिलहाल जो मरीज अस्पताल में भर्ती हैं उनका उपचार सीजीएचएस सुविधा के तहत ले सकेंगे। लेकिन आगे से अस्पताल को किसी कार्ड-होल्डर के सीजीएचएस में उपचार की मान्यता नहीं होगी। एक पत्र बैंक प्रबंधन को भी लिखा गया है जिसमें 10 लाख की बैंक गारंटी जब्त करने की बात कही गई है।
बहुत देर कर दी वरिष्ठ नागरिक एसोसिएशन के अध्यक्ष आरएस तिवारी, डीके सिंह, एसके श्रीवास्तव, रमाकांत, हरि सिंह, आरबी शाह, विनायक राव सोरते, सिटिजन वेलफेयर ऐसोसिएशन के सुभाष चंद्रा का कहना है कि ऐसे मामलों में ज्यादा संवेदनशील होने की जरूरत है। कार्यवाही ठीक है लेकिन इसमें काफी देर की गई। वहीं दूसरी तरफ बाकी के कुछ अस्पतालों को बगैर कार्यवाही के छोड़ दिया गया।