मासूम (बालक) को फ्रॉक पहनाया गया था दो डाॅग के बीच में बैठा था मासूम
जांच कर स्वस्थ्य बताया मासूम के साथ जैसे मारपीट की गई हो। उसके चेहरे पर आंख के पास चोट के निशान थे
पहले लोग उसे बेटी ही समझते रहे। शौच करने के बाद पता चला कि वह तो लड़का है।
जबलपुर में रोड किनारे मासूम बेटे को बेटी के कपड़े पहनाकर छोड़ गया कोई, 4 घंटे फुटपाथ पर बिलखता रहा
पॉलीटेक्निक गेट के पास एक वर्षीय मासूम को कोई फुटपाथ् पर छोड़ गया था।
कॉलेज छात्र नमन चौकसे और उसके साथियों ने मासूम को धूप में लाकर पुलिस को खबर दी
ओमती पुलिस ने विक्टोरिया व एल्गिन में चिकित्सकों को दिखाने के बाद मासूम को मातृछाया में पहुंचाया
जबलपुर बच्चे की मासूमियत भरी टकटकी देख लोगों का कलेजा भर आया। ठंड के इस मौसम में एक वर्षीय बालक को कोई रोड किनारे फुटपाथ पर छोड़ गया था। ओमती क्षेत्र के चंदन वन के पास मासूम को अकेला देख, वहां से निकल रहे कॉलेज छात्रों की संवेदना ने उन्हें रोक लिया। डायल-100 पर कॉल कर पुलिस को खबर दी। मासूम को सुरक्षित हाथों में पहुंचाने के बाद ही छात्र वहां से रवाना हुए। ओमती पुलिस ने मासूम को प्राथमिक उपचार के बाद मातृछाया में रखवाया है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज की मदद से उसे वहां छोड़ गए रिक्शा चालक की तलाश में जुटी है।
प्राथमिक जांच कर स्वस्थ्य बताया मासूम के साथ जैसे मारपीट की गई हो। उसके चेहरे पर आंख के पास चोट के निशान थे। वह अपनी मासूमियत भरी निगाह से भीड़ को देखे जा रहा था। एसआई सतीष झारिया के मुताबिक चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर ने उसकी हालत ठीक बताई है। सीसीटीवी कैमरे की मदद से उसे वहां छोड़ गए रिक्शा चालक की पहचान करने की कोशिश की जा रही है।
जानकारी के अनुसार ओमती क्षेत्र में चंदनवन स्थित पॉलिटेक्निक गेट के सामने फुटपाथ पर कोई एक वर्षीय मासूम बच्चे को छोड़ गया था। मासूम बेटियों वाला फ्रॉक पहने था। डायल-100 पर सूचना देने वाले कॉलेज छात्र नमन चौकसे ने बताया कि उसकी नजर पड़ी तो मासूम दो डॉग के बीच में बैठा रो रहा था। डिस्पोजल में कोई चावल और बिस्किट रख गया था। उसे अकेला देखकर थोड़ी देर तक इंतजार किया कि शायद कोई आ जाए। तभी पॉलिटेक्निक कॉलेज के सुरक्षा गार्ड ने बताया कि कई घंटों से मासूम वहां अकेला है। एक रिक्शा वाला वहां छोड़कर गया है।
नमन चौकसे, अनमोल पटेल, अमर जायसवाल, शांतनु चौकसे ने तुरंत इसकी सूचना डायल-100 पर दी। कंट्रोल रूम प्रभारी रवींद्र सिंह ने तत्काल चीता 511 और ओमती पुलिस को खबर देकर मौके पर रवाना किया। पुलिस पहुंची तो वहां बड़ी संख्या में राहगीर मासूम को घेरे हुए खड़े थे। मासूम ठंड से कांप रहा था। उसकी हालत पर तरस खाकर एक कार चालक ने सीट कवर निकाल कर दिया। दूसरा राहगीर गर्म कपड़ा खरीद लाया। मासूम को प्यासा देख नमन पानी लाकर पिलाया।
ओमती थाने के एसआई सतीष झारिया, आरक्षक वीरेंद्र सिंह, राजेंद्र कुमार, ड्राइवर राजकुमार भांवरे के साथ मौके पर पहुंचे। तभी मासूम ने शौच कर दिया। आरक्षक वीेरेंद्र सिंह ने बिना कुछ सोचे, तुरंत जेब से रूमाल निकाली और मासूम की गंदगी साफ कर उसे गोद में उठा लिया। बोले कि मेरा अपना बच्चा भी तो शौच करता है। इसके स्थान पर वह होता तो। बच्चे तो भगवान होते हैं। इस मासूम से क्या भेदभाव। पुलिस मासूम काे लेकर पहले विक्टोरिया फिर एल्गिन ले गई। वहां प्राथमिक उपचार के बाद ओमती पुलिस ने उसे विजय नगर स्थित मातृछाया में रखवाया है।
आरक्षक वीरेंद्र सिंह पुलिस जीप में मासूम को लेकर पहले विक्टोरिया और फिर एल्गिन अस्पताल ले गए, वहां चिकित्सकों ने मासूम का